कनपुरिया लौंडा

चेहरे पे दाढ़ी, मुह में कमला पसंद दबाये हुए,
टेढ़े मेढ़े स्टाइल वाले बिना तेल लगे बाल, आवाज में भारीपन, ब्रांडेड कपडे, पैरो में ब्रांडेड फुटवेअर, हाथ में स्मार्ट फ़ोन,साथ में दो यार और तशरीफ़ के नीचे पॉवर बाइक ।
यही होता है न कनपुरिया लौंडा ?
नहीं ये तो सिर्फ उसकी पहचान है, मैं बताता हु कनपुरिया लौंडा कैसा होता है........
वो सुबह उठकर अपनी माँ का चेहरा सबसे पहले देखना चाहता है, बाप से फटती तो है उसकी पर बिना उनकी इज़ाज़त कुछ नहीं करना चाहता है ।
गर्लफ्रेंड से प्यार तो जबर करता है, पर सबसे पहले हाल अपने दोस्तों का पूछता है । रिस्तेदारियो में भले ही ना जाता हो, पर मोहल्ले वालो की हर तकलीफ में सबसे आगे खड़ा होता है ।
कमाता भले न हो, पर रक्षा बंधन पर बहन को गिफ्ट देने के लिए महीनो पहले से पैसा जोड़ने लगता है ।
लड़ाई झगड़ा चाहे जितना कर ले, लेकिन टीवी पर इमोसनल पिक्चर देखते समय चुपके से आंसू पोछ लेता है, गाली गलौच की चाहे जितनी आदत हो, पर घर में "अबे" तक न निकलता उसके मुह से,
अंदर से कमीना तो बाहूत होता है, पर घर में टीवीें पर अश्लील गाने आते ही चैनल बदल देता है ।
वो सर्दियो में चार चार दिन नहीं नहाता, लेकिन फिर भी कोई पता नहीं लगा सकता, ।
ऐसे चाहे जितनी बकलोली करे पर काम के टाइम गंभीर होता है ।
वो इमोशनल होता है
वो प्यारा होता है
भौकाली होता है.....
पर कनपुरिया लौंडा कनपुरिया होता है ।

Comments

Popular posts from this blog

कानपुर की गलियां

कानपुर की घातक कथाये - भाग 1: “मामा समोसे वाले"

राग दरबारी